ब्लॉग जगत का पहला दिन
ब्लॉग जगत में आज मेरा पहला दिन है इसलिए में आगे बढ़ने से पहले अपने से परिचित कराना चाहता हूँ। मेरी उम्र इस समय 43 वर्ष की है मैंने इन 43 वर्षों में जिंदगी के कई बदलाव देखे हैं।मेरी जिंदगी के ये बदलाव मुझे आश्चर्यचकित कर देते हैं ,मेरा बचपन अभावों में बीता। मेरी माताजी जो हमारे मुहल्ले में एक समझदार औरत मानी जाती थी और लोग उससे विभिन्न मसलों पर सलाह लेने के लिये आया करते थे , लेकिन उसके अन्दर अंधविश्वास कूट कूट कर भरा था आधुनिक चिकित्सा पद्धति से उसे काफी चिढ़ थी ओर वह परिवार मे किसी के भी बीमार होने पर सीधी बुझा कराने पहुंच जाती ओर जो उपचार बुझा वाला बताता उसपर आँख मूंद कर विश्वास कर लेती इसी अंधविश्वास के चलते उसने मेरे जन्म के बाद अपनी 8 संतानों की मौत को देखना पड़ा। आज में अपने माता पिता की इकलौती सन्तान हूँ। मेरी माताजी घर के बाहर जहाँ भी जाती में उसके साथ ही रहता इस कारन मुझे इन बुझा करने वालों का सानिध्य भी बचपन से ही मिलता रहा।जिसके चलते मुझे इन चीजों को बारीकी से समझने का मौका मिला और आज में यह दावे के साथ कह सकता हूँ कि यह एक सबसे बड़ा पाखण्ड है।
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